अमेरिका में शरणार्थियों के बदतर हालात
वाशिंगटन। रात को कंक्रीट जमीन पर बिछौना और तन ढंकने के लिए एल्युमिनियम फ्वायल का कंबल लिए अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर शरणार्थियों के हालात की तुलना करते हुए तालिबान में बंधक रहे ।
पत्रकार ने कहा कि इससे बेहतर हालात में वे थे जब उन्हें तालिबान ने बंधक बनाया था। वहां उन्हें स्वच्छ और सुरक्षित सुविधाएं मुहैया करायी जाती थी।
वर्ष 2012 में सोमालिया में रिपोर्टिंग के दौरान अपहृत अमेरिकी पत्रकार माइकल स्कॉट मूरे का कहना है कि सुरक्षित व सफाई मानकों पर अमेरिका द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे साधन पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें टूथपेस्ट, साबुन, गद्दा और रोज नहाने की सुविधा मुहैया कराई गई।
बता दें कि फेडरल गर्वंमेंट ने पिछले सप्ताह नौवीं सर्किट अपीलीय जजों को बताया कि अमेरिकी सीमा पर दी जा रही सुविधाएं कानून के अनुसार, सुरक्षित और स्वच्छ है। उनका कहना है कि प्रवासी बच्चों को साबुन, टुथब्रश और सोने के लिए अंधेरा आवश्यक नहीं है। जज विलियम फ्लेचर ने इमिग्रेशन लिटिगेशन ऑफिस की सीनियर अटार्नी सारा फेबियन के इस बयान पर हैरानी व्यक्त की और उनकी स्थिति को अकल्पनीय बताया। फेबियन के इस बयान की कड़ी निंदा की जा रही है।
सीनियर यूएस सर्किट जज ए वैलेस ताशिमा ने गर्वंमेंट अटॉर्नी को बताया, 'यदि आपके पास टूथब्रश, साबुन, कंबल नहीं है तब आपको सुरक्षित और स्वच्छ सुविधाएं नहीं मिल रही।' फेबियन द्वारा दिया गया बयान इंटरनेट पर काफी तेजी से वायरल हुआ। अमेरिका अपने शरणार्थियों के साथ तालिबान व अन्य देशों की तुलना में उचित व्यवहार नहीं करता। इस बात के समर्थन में अनेकों ट्वीट भी किए गए।
हालांकि अमेरिका के हिरासत में एक और बच्चे की मौत के बाद पॉलिसी में बदलाव की घोषणा की गई। इन बदलावों में शरणार्थी बच्चों के मेडिकल चेकअप के साथ हिरासत के विकल्पों को सुधारने के लिए काम शुरू करना है।
हाल के रिपोर्टों में बताया गया है कि अमेरिकी सीमा पर शरणार्थियों को चेन से बांधकर पिंजड़ों में रखा जाता है, कंक्रीट पर सोने को कहा जाता है और ओढ़ने के लिए एल्युमिनियम फ्वायल से बने कंबल दिए जाते हैं। मंगलवार को एजेंसी ने बताया कि हिरासत में बच्चों को लगातार पर्याप्त भोजन और स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
वाशिंगटन पोस्ट के लेखक जैसन रेजायन एक साल से अधिक समय तक इरान के हिरासत में थे। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा, 'अमेरिका द्वारा शरणार्थी बच्चों के साथ उचित व्यवहार नहीं किया जा रहा।' उन्होंने बताया हिरासत में पहले ही दिन से उन्हें नियमित तौर पर नहाने, टूथपेस्ट और टूथब्रश दिया जाता था।'