बाढ़ चौकियों में स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीमें तैनात कर दी जायें: डीएम

सीतापुर ( ब्यूरो) जनपद के बाढ़ सम्भावित क्षेत्रों में संबंधित उपजिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी पुलिस व थाना प्रभारी भ्रमण अवश्य कर लें ताकि बाढ़ की स्थिति में तत्काल प्रभावितों को राहत पहुंचाने में आसानी रहे। बाढ़ चौकियों पर कर्मियों की तैनाती करके उनकी सूची व मोबाइल नम्बर कलेक्ट्रेट बाढ़ नियन्त्रण कक्ष में उपलब्ध कराया दिया जाये।
बाढ़ चौकियों में स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीमें तैनात कर दी जायें। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में कम से कम एक आदर्श बाढ़ राहत शिविर बनाया जाये, जिसमें बाढ़ प्रभावित लोगों के ठहरने, भोजन, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, बिजली या जनरेटर पशुओं के ठहरने के लिये छायादार स्थान तथा उनकी चिकित्सा व चारे भूसे की पर्याप्त व्यवस्था हो।
जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने आज कलेक्ट्रेट में आयोजित बाढ़ सुरक्षा प्रबंधों के संबंध में की गयी तैयारियों की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिये।



उन्होंने अधिशासी अभियन्ता सिंचाई को जिले के सम्पूर्ण बाढ़ सम्भावित क्षेत्र में नदियों के जल स्तर, कटान व प्रभावितों की सूची व बाढ़ चौकियों की अद्यतन स्थिति की प्रतिदिन सूचना भेजनें के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने कहा कि शारदा नदी जहां से जनपद में प्रवेश करती है जहां घाघरा में मिली है और जहां जनपद की सीमा समाप्त है वहां तक की पूरी स्थिति की प्रतिदिन सूचना भेजते रहें ताकि सम्भावित बाढ़/कटान के सापेक्ष आवश्यक तैयारियां पहले से सुनिश्चित कर ली जायें। जिन क्षेत्रों में पिछले वर्षों में बाढ़ की स्थिति रही है, वहां सिंचाई विभाग एलर्ट की स्थिति में रहे। जिलाधिकारी ने नाविकों की तैनाती उनकी सूची तथा प्रत्येक नाविक के मोबाइल नम्बर व नम्बर की सक्रियता की जांच अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिये ताकि जरूरत पड़ने पर उनसे तत्काल सम्पर्क किया जा सके।
जिलाधिकारी ने नदियों के किनारे के गांवों के ग्राम प्रधानों को ग्राम पंचायत समितियों के माध्यम से बाढ़ की सम्भावना को देखते हुये सभी आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश देने के लिये जिला पंचायत राज अधिकारी से कहा। बाढ़ से सम्पर्क मार्गों के कटान पर नजर रखने के निर्देश देते हुये जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से कहा कि वह कटान होने पर तत्काल मरम्मत करायें ताकि बाढ़ राहत कार्य प्रभावित न होने पाये।


जिलाधिकारी श्री तिवारी ने जिला पूर्ति अधिकारी को बाढ़ राहत शिविरों एवं बाढ़ प्रभावित लोगों के लिये मिट्टी का तेल एवं राशन आदि की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने बताया कि पूरे जनपद में बाढ़ से बचाव हेतु अनेक बाढ़ परियोजनाएं संचालित की जा रही है। जिनमें अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है। तहसील लहरपुर में शारदा नदी के दायें किनारे स्थित बसंतापुर व देवपालपुर सहित विभिन्न गांवों को कटान से सुरक्षा संचालित स्टड निर्माण परियोजना पर 303 लाख रूपये व्यय करके 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इसी प्रकार से तहसील लहरपुर में ही शारदा नदी के किनारे स्थित ग्राम अकबरपुर, लखनीपुर, बैजूपुरवा आदि ग्रामों को नदी के कटान से सुरक्षा प्रदान करने के लिय चलायी जा रही स्टड निर्माण की परियोजना पर 299 लाख रूपये व्यय करके 85 प्रतिशत कार्य पूरा किया जा चुका है।
तहसील बिसवां में शारदा नदी के किनारे स्थित ग्राम पासिनपुरवा, छोलहा, भदिमनपुरवा आदि ग्रामों के नदी के कटान से सुरक्षा हेतु संचालित स्टड निर्माण परियोजना पर 690 लाख रूपये व्यय करके 80 प्रतिशत कार्य पूरा किया जा चुका है। इसी प्रकार से बिसवां तहसील में घाघरा नदी के किनारे स्थित ग्राम निर्मलपुरवा, कोनी, दुर्गापुरवा आदि ग्राम समूह की कटान से सुरक्षा हेतु संचालित स्टड निर्माण परियोजना पर 95 प्रतिशत, तहसील बिसवां के ग्राम गोडियनपुरवा, परमेश्वरपुरवा आदि की सुरक्षा हेतु घाघरा नदी के दायें किनारे संचालित स्टड परियोजना पर 95 प्रतिशत, तहसील महमूदाबाद के अन्तर्गत घाघरा नदी के किनारे बसे गांवों सिसइया बाजार, अटौरा व अगरौरा में संचालित स्टड निर्माण परियोजना पर भी 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। तहसील बिसवां में शारदा नदी के किनारे स्थित गाम काशीपुर, असईपुर, रतनगंज आदि ग्रामों के बाढ़ सुरक्षा हेतु संचालित बाढ़ सुरक्षा योजना में 98 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है।


जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियन्ता सिंचाई को अवशेष आंशिक कार्य तत्काल पूरे करने के निर्देश दिये।
बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक मधुवन कुमार सिंह ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में सुरक्षा हेतु किये जाने वाले पुलिस प्रबंधों की जानकारी दी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी संदीप कुमार, अपर जिलाधिकारी विनय कुमार पाठक व विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।


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