कामरेड जब्बार हुसैन नहीं रहे
सीतापुर। वरिष्ठ कम्युनिस्टी कामरेड जब्बार हुसैन के देहांत से पूरे जिले की राजनीतिज्ञों, समाजसेवियों में शोक की लहर दौड़ गई। शोषित ,पीड़ितो की आवाज़ कामरेड जब्बार हुसैन की तदफीन स्थानीय कर्बला मेला मैदान में हुई। जिसमें सैकड़ों लोग शरीक हुए।
वरिष्ठ समाजसेवी सिराज अहमद ने कहा कि कि कि जब्बार हुसैन का जाना कम्युनिज्म के लिए बड़ा खसारा है जिसे पूरा करना नामुमकिन है।
वही ब्रिज बिहारी ने जब्बार हुसैन को गरीबों का मसीहा बताते हुए कहा कि हर जगह जब्बार भाई खुलकर खड़े होते थे,राम जन्मभूमि आंदोलन के समय आंदोलन का विरोध करते जब्बार भाई रामसनेही घाट में अरेस्ट भी हुए तो ,1970में पूंजीपति बिरला जी के पिपरा फॉर्म पर कब्जे को लेकर वो बड़े कम्युनिस्ट नेता एस एस डांगे के साथ आगे आए,और जेल गए।
जलीस ,अतीक ,कामरेड सलाहुद्दीन, कामरेड गया प्रसाद ,नदीम बाबू, पत्रकार राम सुमरन ने श्री हुसैन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।