“मरे अकबर कातिल की ख़बर से, किसी चेहरे पे अब .....

सीतापुर { सिराज टाइम्स न्यूज़ }अन्नपूर्णा साहित्य संगम परिवार की 340वीं साप्ताहिक काव्य गोष्ठी सरस्वती संगीत महाविद्यालय परिसर व इंजी० गोपाल “सागर“ की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
“सागर“ ने कहा 
“मरे अकबर कातिल की ख़बर से, किसी चेहरे पे अब मातम नहीं।“
वहीं वरिष्ठ उपाध्यक्ष महफूज़ रहमानी ने कहा कि “है तो पतिव्रता वो लेकिन, धो हम उसके गोड़ रहे हैं।“
संरक्षिका पुष्पा अवस्थी ने कहा “क्यों मायूस हो तुम टूटे दरख़्त? क्या हुआ तुम्हारी टहनियों में पत्ते नहीं!“ संचालन कर रहीं शैलेन्द्री तिवारी “शैल“ ने उन्हें मिल रहीं तालियों की गड़गड़ाहट और प्रोत्साहन वर्धन पर कहा “समय के सिक्कों ने तज़ुर्बों से जेब क्या भरी,
लोग समझने लगे कि हम भी अमीर हो चले हैं।“ नवोदित शायर रियाजुद्दीन सीतापुरी-
“हम भारती हैं मुल्क ये भारत है हमारा, बर्दाश्त न करेंगें, कोई आँख दिखाए।“ विजय “कण्ठ“ ने कहा कि “नहीं काशी, नहीं मथुरा ना हरिद्वार नहाया हूँ, दुःखी मज़लूम के आँसू, बहने से रोक आया हूँ।
“ मन्ज़र यासीन ने कहा कि “देकर चिता में आग सभी लोग चल दिये, शोले भड़क के कह उठे, रिश्तों का क्या हुआ?“ मंच पर बारी-बारी से सभी ने अपनी लेखनी से पिरोये शब्दों को कविता, गीत, ग़ज़ल आदि के माध्यम से विचार रखे।
काव्यपाठ की श्रेणी में महामंत्री राजकुमार श्रीवास्तव, वसी खैराबादी, रईस रहमानी, सुधांशू त्रिवेदी, पंकज त्रिवेदी, अंकित प्रसून, ए० पी० गौतम, विवेक मिश्रा “राज“, सूबेदार वर्मा “अंजान“ जी० एल० गाँधी, शाम्भवी सुलक्षिता लक्ष्मी वर्मा, बद्र सीतापुरी, यासीन इब्ने उमर, आदि ने काव्यपाठ किया।



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