सभी चीजों की वीडियोग्राफी कराकर SC को भेजूंगा: स्पीकर
बेंगलुरू : सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष के ऑफिस पहुंच गए हैं। ऐसे में जल्द फैसला होने की उम्मीद है। इस मुद्दे पर स्पीकर ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है। स्पीकर बाले, विधायकों ने मुझसे कहा कि कुछ लोग उन्हें धमकी दे रहे थे और डर के कारण वे मुंबई गए लेकिन मैंने उनसे कहा कि उन्हें मुझसे संपर्क करना चाहिए था और मैं उन्हें सुरक्षा देता। केवल 3 कार्यदिवस बीते हैं लेकिन उन्होंने ऐसा व्यवहार किया जैसे भूकंप आ गया हो।
- उन्होंने कहा कि मैं पूरी रात इन इस्तीफों की जांच करूंगा और यह पता लगाऊंगा कि क्या ये वास्तविक हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मुझसे फैसला लेने के लिए कहा है। मैंने सारी चीजों की विडियोग्राफी की है और मैं उसे सुप्रीम कोर्ट को भेजूंगा।
- स्पीकर केआर रमेश बोले, विधायकों ने मुझसे कोई बात नहीं की वे सीधा राज्यपाल के पास दौड़ गए। वे क्या करते? क्या यह दुरुपयोग नहीं है? उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से संपर्क किया। मेरा दायित्व देश के संविधान और इस राज्य के लोगों के प्रति है। मैं देरी कर रहा हूं क्योंकि मैं इस मिट्टी से प्यार करता हूं। मुझे जल्दबाजी में काम नहीं करना है।
- उन्होंने कहा कि रविवार को छुट्टी होती है। इस दिन मैं दफ्तर नहीं खोल सकता। सोमवार को मुझे कुछ निजी काम पूरे करने थे। मैं उपलब्ध नहीं था। मंगलवार को मैं आया। इस्तीफे का निर्धारित प्रारूप है। सोमवार को कर्नाटक विधानसभा के रूल 202 के आधार पर इस्तीफों की जांच की गई। 8 पत्र निर्धारित रूप में नहीं पाए गए। बाकी के मामलों में मैं यह देखने के लिए बाध्य था कि क्या ये इस्तीफे स्वैच्छिक और वास्तविक हैं। हम इस्तीफे की स्वैच्छिक और वास्तविक प्रकृति के बारे में बात नहीं करेंगे।
- छह जुलाई को मैं अपने चैंबर में 1.30 pm तक था। विधायक मेरे ऑफिस में दो बजे आए। उन्होंने अप्वांटमेंट भी नहीं लिया था, इसलिए, यह असत्य है कि मैं भाग गया क्योंकि वे आ रहे थे।
- विधायकों के साथ प्रेस काफ्रेंस कर रहे हैं विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार। उन्होंने कहा कि जब मैं यह समाचार सुना कि मैं पूरी प्रक्रिया में देरी कर रहा हूं तो मैं बहुत दुखी हुआ। राज्यपाल ने मुझे 6 जुलाई को सूचित किया। मैं तब तक पद पर था और बाद में मैं निजी काम के लिए चला गया। इससे पहले किसी भी विधायक ने यह जानकारी नहीं दी कि वे मुझसे मिलने आ रहे हैं।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस-जेडीएस के 10 बागी विधायकों से कहा कि वे गुरुवार शाम छह बजे कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष से जाकर मिलें और अपना निर्णय बताएं। इस दौरान अगर वे चाहें, तो अपना इस्तीफा दे सकते हैं। विधानसभा स्पीकर से कहा है कि वह विधायकों की बात को ध्यान से सुनें और अगर चाहें तो तुरंत निर्णय ले सकते।
कर्नाटक के बागी कांग्रेस विधायक मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंच गए हैं। मुंबई से कर्नाटक तक उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष जो भी निर्णय लेंगे, उससे सुप्रीम कोर्ट को शुक्रवार को अवगत कराया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने इन विधायकों को सुरक्षा प्रदान करने का भी निर्देश दिया है। वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से जब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर टिप्पणी मांगी गई, तो उन्होंने कहा कि कोर्ट ने आदेश दे दिया है, निश्चित रूप से उसका पालन होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को गुरुवार को ही फैसला लेना होगा कि वह क्या करना चाहते हैं। इसके लिए उनके पास शाम छह बजे तक का समय है। कोर्ट ने कर्नाटक के डीजीपी को सभी बागी विधायकों को सुरक्षा प्रदान करने का भी आदेश दिया।
इस बीच बताया जा रहा है कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के कई विधायकों के इस्तीफा देने के बाद उत्पन्न संकट के मद्देनज़र गुरुवार को होने वाली महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक से पहले पुलिस आयुक्त आलोक कुमार ने 'विधान सभा' के आसपास धारा 144 लगाने का आदेश दिया है।
कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष भी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
कर्नाटक के सियासी नाटक का अगल दृश्य क्या होगा, इस समय यह बताने में शायद ही कोई सक्षम हो। विधानसभा अध्यक्ष भी अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। कर्नाटक स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर और वक्त की मांग की है। इस अपील में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, संवैधानिक कर्तव्य और विधानसभा नियम के मुताबिक, वह यह सत्यापित करने के लिए बाध्य हैं कि विधायकों के इस्तीफे अपनी इच्छा या बिना डर के हैं या नहीं! इस तरह की जांच को गुरुवार आधी रात तक पूरा नहीं किया जा सकता। इसलिए उन्हें कुछ समय और दिया जाए।
बागी विधायक बोले- राहुल गांधी के सम्मान के चलते हमारा समर्थन सरकार के साथ
जेडीएस और कांग्रेस के बीच की दरार एक बार फिर सामने आ गई है। कर्नाटक के बागी कांग्रेस विधायक एस.टी. सोमशेखर ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के सम्मान के चलते हमारा समर्थन इस गठबंधन की सरकार के साथ रहेगा। हालांकि, गठबंधन सरकार द्वारा किए गए वादों से हम संतुष्ट नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि हमने यह फैसला अचानक नहीं लिया हो, हमने पहले भी सूचना दी थी, लेकिन उन्होंने परवाह नहीं की।
पिछले तीन दिन से वे हमारे मुद्दों को सुलझाने के लिए सक्रिय हुए हैं। पहले उन्होंने हमारी परवाह क्यों नहीं की? आपने बेंगलुरू डेवलपमेंट अथॉरिटी पर निगरानी के लिए एक आइएएस अधिकारी थोप दिया, क्योंकि मैं बीडीए अध्यक्ष हूं। जब आप (सरकार) इस तरह के फैसले लेते हैं, हमें यह सरकार नहीं चाहिए।