दहेजलोभी पति, ससुर व देवर को मिला दस-दस वर्ष का कठोर कारावास

सीतापुर ( सिराज टाइम्स न्यूज़) प्राप्त सूचना के अनुसार दहेज़ लोभी पति, ससुर व देवर को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 3 ने दस-दस वर्ष का सश्रम कारावास तथा दस-दस हज़ार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है| 
मुक़दमे में अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी शासकीय अधिवक्ता फौजदारी मोहम्मद असलम तथा वादी के निजी आधिवक्ता मुकुल मिश्र ने की| अभियोजन कथानक के अनुसार वादी ने थाना कोतवाली नगर के अंतर्गत मोहल्ला शास्त्री नगर में सात वर्ष पूर्व अपनी पुत्री का विवाह 7 फरवरी 2011 को आशीष अवस्थी उर्फ़ शालू अवस्थी पुत्र सरोज अवस्थी से किया था| शादी की बाद ससुराल पक्ष के लोग तीन लाख रूपये अतिरिक्त दहेज़ की मांग करने लगे और विवाहिता को प्रताड़ित करने लगे| 17-18 सितम्बर 2012 की रात को विवाहिता को मारपीट कर मौत के घाट उतार दिया था| इस घटना के सम्बन्ध में मृतका के पिता रामआसरे तिवारी निवासी 42, सेठ सुख्खूमल रोड ने कोतवाली सीतापुर में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई| वादी ने मृतका के पति आशीष उर्फ़ शालू अवस्थी, ससुर सरोज अवस्थी, सास विमला उर्फ़ बांकाडा, देवर अजित उर्फ़ रानू, पति के बाबा रामपाल अवस्थी एवं ननद अंतिम अवस्थी को नामजद किया था| मृतका के शरीर पर मृत्यु पूर्व नौ चोटें पाई गयीं थी| मामले की विवेचना के उपरांत पुलिस ने पति के बाबा रामपाल व ननद अंतिम  अवस्थी को छोड़कर शेष चार नामजद आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय के समक्ष धारा 498 ए/34, 304 बी/34 व 302/34 भा० द० वि० एवं धारा ¾ दहेज़ प्रतिषेध अधिनियम में प्रेषित किया जिसमे दौरान विचारण आरोपी सास विमला उर्फ़ बांकाडा की मृत्यु हो गयी| 
 विद्वान् न्यायाधीश कोर्ट संख्या 3 धर्मेन्द्र पाण्डेय ने मामले की सुनवाई पूर्ण करके आरोपी पति आशीष उर्फ़ शालू, ससुर सरोज अवस्थी व देवर अजीत उर्फ़ रानू को दस-दस वर्ष का कठोर कारावास एवं दस-दस हज़ार रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है|


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