" बवफ़ा थे हम इसलिए नज़रो से गिर गये - शायद उन्हे तलाश किसी बेवफा की थी"

फतेहपुर , गुजरात (सिराज टाइम्स न्यूज़) भारतीय जनता पार्टी मे पक्षपात अपने उच्च शिखर पर है। जिसका नमूना 1990 से भाजपा को हर क्षेत्र में सफलता दिलाने हेतु प्रयासरत ईश्हाक पटेल है।
श्री पटेल गुजरात के जिला दाहोद के फतेहपुर तहसील निवासी हैं। यह भाजपा मे उस वक्त दाखिल हुए जब पार्टी कि कहीं पर भी सरकार नहीं थी और न ही उनका जनाधार था।  उसके बावजूद भी उन्होंने बीजेपी को पसंद किया उस समय  पंचमहाल गुजरात में हर जगह पर कांग्रेस का बड़ा दबदबा था उन्होंने इस विकट परिस्थिति में भाजपा के लिए कड़ी मेहनत और लगन के साथ इस इलाके में सबसे मुलाकात  करके लोगों को भाजपा की विचारधारा में जोड़ने के लिए प्रेरित किया,  इसके फल स्वरूप सन 1995 में दाहोद  लोकसभा बी०जे० पी०  प्रत्याशी  बाबू  कटारा को ऐतिहासिक जीत मिली । यह लोकसभा की हिंदुस्तान के इतिहास में बीजेपी की पहली जीत दर्ज हुई इस जीत के लिए इसहाक पटेल ने दिन रात एक कर के बिना कोई स्वार्थ या अपने निजी हित के खातिर लोगों को भाजपा को वोट देने के लिए प्रेरित किए उस दौरान कई मुसलमानों ने भी हजारों की तादाद में भाजपा के बाबू  कटारा को वोट देकर सांसद बनाकर भेजा। श्री कटारा ने पार्टी के प्रति निष्ठा हेतु पत्र लिखकर इसहाक पटेल की सराहना की। इस इलाके में उनकी लोगों की खिदमत  की वजह से  प्यार से बापू के नाम से पुकारते हैं।


29 साल के   जहर जीवन में होते हुए और एक राष्ट्रीय बड़ी पार्टी के नेता होने के बावजूद भी वह बिल्कुल सादी  जिंदगी जी रहे हैं । उस दौर में श्री पटेल ने अपने निजी मकान पर बेखौफ होकर भाजपा के लिए मीटिंग का आयोजन करते रहें। राज्य स्तर के मंत्री और हाईकमान राज्य के हाईकमान भी उनके घर पर ही मीटिंग आयोजन  करके कार्यकर्ताओं को संबोधित करके उत्साह बढ़ाते थे , ईद और दीवाली भी उनके घर पर ही मनाई जाती थी । इसहाक पटेल ने हमारे संवाददाता  को बताया कि जातिवाद और मजहबी सियासत  से बहुत दुखी हूं। हमारे प्रधानमंत्री का नारा सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास सही तरीके से अमल में लाकर हमारे देश को एकजुट बनाने के प्रयास के लिए हमारे प्रधानमंत्री का आभारी हूं। और इस पर सही अमल हो ये उम्मीद रखता हुं। औऱ आये दिन हो रही माब लिंचिंग जैसी घटनाओ , नफ़रत फैलने वाले की वज़ह से हमारे मुल्क मे हो रही अव्यव्यस्था से बहुत दुख होता हे
 ऐसी फासिस्ट ताक़तो के लिये सख्त कानून का प्रवधान होना जरूरी हे ।  


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