मुझे जो गैर कहता था अभी तक, उसी का खास होकर रह गया हूँ

बिसवाँ, सीतापुर। नगर मे साहित्य सृजन मंच  द्वारा  एक काव्य समारोह का आयोजन किया गया। जिसमे डॉ उदित नारायण पांडे ने कहा - राष्ट्र भावना भर कर मन में देखो तो दिख जाता है। दिव्य तिरंगे के रंगों में लोकतंत्र लहराता है। वरिष्ठ ग़ज़लकार अनुराग मिश्र गैर ने कहा- नदी की प्यास हो कर रह गया हूं। सतत उपवास हो कर रह गया हूँ। मुझे जो गैर कहता था अभी तक, उसी का खास होकर रह गया हूँ। साहित्यकार संदीप सरस ने कहा- अम्मा गूँगी सी है बेजान कहां जाए। बापू शर्मिंदा है हैरान कहां जाए। दस कमरों का घर है नौ उठे किराए पर, बोलो कोई आया मेहमान कहां जाए। मुख्य अतिथि के तौर पर सहायक आबकारी आयुक्त हापुड़ अनुराग गैर,  विशिष्ट अतिथि एआरटीओ , सीतापुर डॉ उदित नारायण पांडेव आमंत्रित अतिथि के रूप में राजकुमार गुप्ता तहसीलदार बिसवाँ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संस्था के अध्यक्ष संदीप सरस ने किया।



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