काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन

बिसवाँ, सीतापुर (सिराज टाइम्स न्यूज़) फागुनी बयार कवि गोष्ठी का आयोजन गोग राम यादव "गोले" की अधयक्षता मे संपन्न हुई।  मुख्य अतिथि कवि संगम के राष्ट्रीय मंत्री  कमलेश मौर्य मृदु ने अपने संबोधन में कहा फागुन में मनाया जाने वाला राष्ट्रीय पर्व होली सामाजिक सौहार्द, व राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है इन्ही भावनाओं को परिपुष्ट करने वाला सृजन कवियों से अपेक्षित है।


कवि गोष्ठी का शुभारंभ माँ शारदा की वंदना से हुआ जिसे आनलाइन प्रस्तुत किया ग्वालियर की कवयित्री कु. दीप्ति दीप ने साथ ही उन्होंने जोगीरा पढकर सबको खूब हंसाया. नजर दांत कमजोर सब हो गई कमर कमान. तब हूँ छोरी देखिकै बुढऊ फिरैं उतान.... जोगीरा सारा रा रा रा. श्रृंगार के रससिद्ध कवि अरविंद सिंह मधुप ने कहा जमीं पर चांद है जिसको मैं अपना कह नहीं सकता. बिना देखे उसे इकपल मधुप मन रह नहीं सकता. युवा कवि दिलीपसिंह चौहान ने देश की वर्तमान दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा गुलेगुलशन में मरती हैं तितलियाँ ये हमें अच्छा नहीं लगता. न्याय करने से कतराये  हमें सच्चा नहीं लगता. रेउसा से पधारे श्याम सागर ने कटाक्ष करते हुये कहा छोड़ कर घर व आंगन की रंगीनियाँ व्यर्थ में इसतरह आप गमगीन हो. हो हमारा तुम्हारा मिलन किस तरह मै हूँ सी ए ए तुम बाग शाहीन हो. कवि गोष्ठी का संचालन कर रहे राष्ट्रीय कवि कमलेश मौर्य मृदु ने देशवासियों का आह्वान करते हुये कहा हैं,भारतीय तो मृदु कर्तव्य निभायें हम. 
फागुन में रंग खेलें, मत आग लगायें हम. दीपू चौहान ने अतिथियों का स्वागत किया तथा अनिल मौर्य ने आभार प्रकट किया। उक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई।


 


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