लहराएगी मसूर की खेती

संडीला, हरदोई। हमारे संवाददाता के अनुसार भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान,पूसा, नई दिल्ली द्वारा निम्न एवं मध्य श्रेणी  क्षारीय तथा लवणीय भूमि में उत्कृष्ट  प्रदर्शन करने वाली मसूर की दो प्रजातियां (पी0 डी 0एल0 - 1 एंव पी0एस0एल -9) विकसित की गई है इन दोनों प्रजातियों का प्राक्षेत्र प्रदर्शन राजकीय कृषि फार्म जैतपुर हरदोई उत्तर प्रदेश में स्थित केंद्रीय मृदा  लवणता  अनुसंधान संस्थान , लखनऊ के प्रभारी डॉ विनय कुमार मिश्रा के संरक्षण में किया जा रहा है जैसा कि छायाचित्र से प्रतीत हो रहा है


यह दोनों प्रजातियां ऊसर मिट्टी में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही है  बुआई के सामान्य समय से 1 माह बाद 16 दिसंबर 2019 में बोए जाने के बावजूद भी इन प्रजातियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है इन प्रजातियों की कटाई के उपरांत उनकी उपज का मूल्यांकन किया जाएगा आशा है कि  यह प्रजातियां उन किसानों के लिए जिनकी भूमि निम्न एवं मध्यम श्रेणी के  क्षारीय भूमि से प्रभावित है।यह प्रजातियां देश में पहली बार क्षारीय तथा लवणीय भूमि के लिए विकसित की गई हैं। यह मसूर की खेती जब लहराएगी तो ईश्वर का वरदान साबित होगी। उक्त जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई। 



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