जीने की ख़्वाहिश में जिंदगी को लगा रहें दांव पर !

              रिपोर्ट : अब्दुल रऊफ

 नजीबाबाद (बिजनौर ) आज मुश्किल है अनलॉक का पालन करना , बाजा़र में सामाजिक दूरी बनाये रखना ! शहर हो या गांव , लोग जीने की ख़्वाहिश में जिंदगी को  दांव पर लगाते हुये दिखाई पड़तें हैं। कोरोना काल का यही नजा़रा नजीबाबाद  में देखने को मिल रहा है। जब हमारे संवाददाता अब्दुल रऊफ ने पूरे नजीबाबाद का भ्रमण किया तो उनके कैमरे मे सैकड़ों ज़िन्दगियां दांव पर लगाती हुई कै़द हुई। हर एक व्यकि्त सब कुछ भूलकर अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए घर से निकल पड़ा । प्रशासन भी मजबूर है। सख़्ती करें तो किस पर,  कोई भूखा है,  कोई बीमार है,  कोई जरूरतमंद है । जरूरतमंदों की जरूरत कहां तक पूरी करें अब तो रब ही अपने बंदों की मदद कर सकता है ! क्योंकि अभी तक इसकी कोई भी  दवा नही ईजाद हुई। अब तक प्रशासन ने बहुत मशक्कत से अनलॉक , लॉकडाउन का पालन कराने हेतु  अभी भी पूरी मेहनत कर रहें हैं। बाजा़र में दुकानों के टर्नओवर होने के बावजूद बाजार के अंदर अभी भी बहुत रश है। 

 अगर प्रशासन हर दुकान रोज़ खुलवा दे तो और भी अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

 

               

फोटो : -  यह नजा़रा नजीबाबाद के जगन्नाथ चौक का है।


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