पत्रकारों के हर दुख - दर्द के साथ मैं खड़ा हूं : महेंद्र सिंह यादव

  रिपोर्ट (वहाजुद्दीन ग़ौरी)
बिसवां, सीतापुर। पत्रकार जनता की आवाज होते हैं। और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में  मान्यता है। प्रेस की मजबूती पर लोकतंत्र की नींव टिकी होती हैं। पत्रकारों की मांगों को पूरा करने मे सरकार को भी विशेष ध्यान देना चाहिए। मैंने हमेशा पत्रकारों की समस्याओं को सुना है यदि कभी भी कोई समस्या आपके समक्ष आए तो मुझे जरूर याद करें। पत्रकारों के हर दुख - दर्द के साथ मैं खड़ा हूं। उक्त बातें श्रमजीवी पत्रकार यूनियन बिसवां इकाई के तत्वावधान में तहरी भोज व पत्रकारों की समस्याओं पर  आयोजित गोष्ठी केन यूनियन हरगोविंद हाल (दि सेकसरिया शुगर फैक्ट्री) में मुख्य अतिथि के तौर पर क्षेत्रीय विधायक महेंद्र सिंह यादव ने कही।  

उक्त पत्रकार समारोह मे बोलते हुए अध्यक्षता करते हुए यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी ने कहा कि बंधन मुक्त प्रेस सरकारों को ताकत पहुंचाती है। जनता को दुख : दर्द की सच्ची तस्वीर पेश करता है। कोई भी अखबार या पत्रकार छोटा बड़ा नहीं होता है। कोई भी बड़ी खबर , सर्वप्रथम छोटा पत्रकार ही ब्रेक करता है तब जाकर बड़े चैनलों तक खबरें पहुंच पाती हैं। आज बड़े अखबार या पत्रकार खबरों को सूत्रों के हवाले से लिखते हैं जबकि पहले अखबारों में जब तक खबर की जांच पड़ताल पत्रकार स्वयं ना कर ले तब तक वह खबर अपने प्रतिष्ठान में नहीं भेजता था। अगर पत्रकार बिना जांचे भेज भी देता था तो उनका संपादक उस खबर को काट देता था, पर आज 'सूत्रों के अनुसार' यह शब्द अखबार को अफवाह बना देते हैं इस पर हमें ग़ौर- फिक्र करना चाहिए। आज जब बड़े बड़े अखबारों में तथ्य पूर्ण समाचार भेजा जाता है तो संस्थान में बैठे हुए अधिकारी देखते ही उसे काट देते हैं और वह अपने अनुसार खबर भेजने के लिए कहते हैं जिसमें कोई तथ्य नहीं होता। गांव कस्बों से जुड़े छोटे पत्रकार ही अपने अखबारों में विश्वसनीय खबर को भेजते हैं सरकार को सच से अवगत कराते हैं जिन्हें संपादक प्रमुख स्थान भी देता है। जिन्हें हम छोटा बोलते हैं वही पत्रकारधर्म को ईमानदारी से निभा रहे होते हैं। आज सोशल मीडिया ने समाज को सच का आइना दिखाया है तो कहीं - कहीं इसका दुरुपयोग भी हो रहा है। पत्रकारों पर प्रेस की विश्वसनीयता बनाये रखने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती हैं जिसे बनाये रखने के लिए हरदम तैयार रहना चाहिए। आज पत्रकार न तो सीखता है और ना ही सिखाता है। वर्तमान में पत्रकार दूसरे अपने साथी को कुछ सिखाता भी है तो वह उससे क्रोधित हो जाते हैं पत्रकारों की इस मग़रूरियत - मानसिकता को दूर करना होगा तभी पत्रकारिता अपने पैमाने पर खरी उतर सकेगी। 
यूनियन के महामंत्री विश्वदेव राव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारों को सीखने या सिखाने के लिए यूनियन के पदाधिकारियों को समय-समय पर वर्कशॉप का आयोजन करना चाहिए। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार पदमकान्त शर्मा प्रभात ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र की गंगा के भगीरथ होते हैं। सत्य,तथ्य व न्याय का पक्षधर होता है। इसलिए हमें पत्रकारों को विशेष स्थान देना चाहिए। एक सच्चा पत्रकार हमेशा याद रखा जाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवेश में पत्रकारों के समक्ष चुनौतियां ही चुनौतियां है। समारोह को प्रदेश के पदाधिकारियों में इब्तिदा  भट्टी , शिव शरण सिंह,  विनीता रानी बिन्नी, यूनियन के जिलाध्यक्ष हरिराम अरोरा ,हिन्द मजदूर सभा के श्रमिक नेता गया प्रसाद पाण्डेय, हरिशंकर गुप्ता ने भी संबोधित किया। समारोह में आये हुए अतिथियों का माल्यर्पण व बैज अलंकरण  बिसवां यूनियन अध्यक्ष रामचंद्र वर्मा,राजीव मिश्र,अय्यूब खान,अवधेश कुमार शुक्ल,प्रदीप शुक्ल,सुनील रस्तोगी,मधुकर वर्मा,संकेत वर्मा,शांतिदीप श्रीवास्तव,अश्वनी कुमार त्रिपाठी,संदीप वर्मा,आजाद अंसारी,आरिफ अली,आदि यूनियन के पदाधिकारियों व सदस्यों ने किया। 

समारोह का सफल संचालन साहित्यकार संदीप मिश्र सरस ने किया, निजामत के दौरान श्री सरस ने अपनी कविताओं से पत्रकार जगत की पीड़ा को बयां किया।  यूनियन बिसवां इकाई अध्यक्ष रामचंद्र वर्मा ने आभार व्यक्त किया।  उक्त अवसर पर मान्यता प्राप्त पत्रकार संघ के महामंत्री सिराज अहमद, पत्रकार वहाजुद्दीन ग़ौरी, शिव कुमार गुप्ता, अनवर अली, आर०के० सिंह, वृंदारक नाथ मिश्रा,  भाजपा जिला महामंत्री रमेश भार्गव,डॉ शत्रुघ्न सिंह यादव,सहित जिले के व ग्रामीण अंचलों के काफी संख्या मे पत्रकारों ने भाग लिया। (सिराज टाइम्स न्यूज़)

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