दवाइयों से पेरीफेरल न्यूरोपैथी के लक्षणों और इससे होने वाली परेशानी को कम किया जाता है : डॉ० अब्दुल क़वी

        स्पेशल : सिराज टाइम्स 'फिटनेस'

लखनऊ, सीतापुर  (सिराज टाइम्स न्यूज़) आज सिराज टाइम्स के 'फिटनेस' में पाठकों को न्यूरोपैथी जागरूकता सप्ताह के अन्तर्गत पेरीफेरल न्यूरोपैथी
के बारे में विस्तृत जानकारी डॉक्टर अब्दुल क़वी (न्यूरोलॉजिस्ट - डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल लखनऊ) देंगें। जैसा आपको पता है कि डॉक्टर अब्दुल क़वी किसी परिचय का मोहताज नहीं है, वह माने-जाने न्यूरोलॉजिस्ट है, उनका समय-समय पर स्वास्थ्य से संबंधित  सेवा-भाव देखने को मिलता है।
 न्यूरोपैथी जागरूकता सप्ताह 09 मई से 16 मई 2021 तक मनाया जा रहा है। 

 क्या  है ? Peripheral Neuropathy: पेरीफेरल न्यूरोपैथी (डॉ० अब्दुल क़वी)  
 
✓  पेरीफेरल नर्व्स ब्रेन और स्किन, मसल्स, इंटरनल ऑर्गेन को आपस में जोड़ती हैं। ये नर्व्स ब्रेन से शरीर और शरीर से ब्रेन को मैसेज पहुंचाने का काम करती हैं और जब ये पेरीफेरल नर्व्स खराब हो जाती हैं, तो ऐसी अवस्था पेरीफेरल न्यूरोपैथी कहलाती है। 

लक्षण : हाथ या पैर का सुन्न होना या झुनझुनी महसूस होना • प्रभावित पार्ट का अत्यधिक ठंडा होना या जलन महसूस होना • अत्यधिक संवेदनशील होना•
मसल्स का कमजोर होना। समस्या बढ़ने पर पैरालिसिस होने की भी संभावना बनी रहती है।
• ऑटोनॉमिक नर्व्स में परेशानी • अत्यधिक गर्मी लगना • ज्यादा पसीना आना • बॉवेल, ब्लैडर और डाइजेशन में परेशानी महसूस होना • ब्लड प्रेशर ठीक नहीं रहना • चक्कर आना और हल्का सिरदर्द होना।

कारण : पेरीफेरल न्यूरोपैथी के कई कारण हो सकते हैं। 
• एक्वायरड न्यूरोपैथी (Acquired 
डायबिटीज • लंबे वक्त से चली आ रही कोई बीमारी •
एल्कोहॉल का सेवन करना • पौष्टिक आहार का सेवन नहीं करना • विटामिन की कमी होना • कीमोथेरिपी •
इम्यून सिस्टम कमजोर होना • बिना जानकारी के दवाओं का सेवन करना • किडनी या थायरॉइड की बीमारी • लाइम रोग • दाद, या एड्स जैसे संक्रमण
हेरेडिट्री न्यूरोपैथी सामान्य नहीं है। यह ब्लड रिलेशन में होने की वजह से होता है।

निदान और उपचार : शारीरिक परीक्षण में डॉक्टर आपके मसल्स, मांसपेशियों का मूवमेंट-खिंचाव और आपके महसूस करने की क्षमता देखेगा • ब्लड टेस्ट की मदद से पेरीफेरल न्यूरोपैथी को समझना आसान हो जाता है।
• दवाइयों से पेरीफेरल न्यूरोपैथी के लक्षणों और इससे होने वाली परेशानी को कम किया जाता है।
• अपने पैरों का ख्याल रखें डायबिटीज के पेशेंट इसका खास ख्याल रखें। पैरों की नियमित जांच करें। मुलायम, कम्फर्टेबल और सूती मोजे और गद्देदार जूते पहनें।
• स्मोकिंग न करें  • पौष्टिक आहार जैसे हरी सब्जी, फल अपने आहार में जरूर शामिल करें • एल्कोहॉल का सेवन न करें या कम से कम करें आदि।

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