भरे पेट वालों को, भूखे के कष्टों का भान कहाँ ?

बिसवां, सीतापुर (सिराज टाइम्स न्यूज़) साहित्य सृजन संस्थान के बैनरतले ई समारोह सृजन सरोकार (अंक-23) में मुख्य अतिथि के तौर पर श्रीराम चंपा देवी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य राकेश शुक्ला ने अपने सम्बोधन में कहा कि काव्य साहित्य की वह धारा है, जो शीतल जल से, सभी के तन ही नही बल्कि मन को भावनाओं के अनुरूप भिगो देती है । समारोह की अध्यक्षता, संस्थाध्यक्ष संदीप मिश्र सरस ने की और मुख्य अतिथि के रूप में लखनऊ जनपद के वरिष्ठ कवि  श्रीकांत त्रिवेदी  उपस्थित रहे।कवि श्रीकांत त्रिवेदी ने सुनाया, "तुम्हारे दिल तक पहुंच सके जो, ग़ज़ल अभी तक कहां कही है। बयां कर सके जो दर्द मेरा, जुबान वैसी कहां रही है!!" 
संदीप मिश्र सरस ने वंचितों के दर्द से संवाद जोड़ा- "तृप्त अधर वालों को प्यासे की तृष्णा का ज्ञान कहाँ ? भरे पेट वालों को, भूखे के कष्टों का भान कहाँ ? जिसके पाँव न फटी बिवाई, पीर पराई क्या जाने, महलों को, टूटे छप्पर की पीड़ा का अनुमान कहाँ ? 

कार्यक्रम का संचालन दीप्ति गुप्ता ने किया और वाणी वन्दना संदीप यादव सरल के द्वारा प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में रामदास रतन, मुकेश पांडेय, जी एल गांधी, विजय रस्तोगी, शिवप्रताप सिंह चौहान सहित कई लोग उपस्थित रहे। अंत में कार्यक्रम प्रभारी रामकुमार सुरत ने आए हुए अतिथियों एवं कलमकारों को धन्यवाद दिया। उक्त जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई।

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