कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद जयंती समारोह का हुआ आयोजन
बिसवां, सीतापुर (सिराज टाइम्स न्यूज़) साहित्य सृजन मंच के बैनर तले कथाकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती मनाई गई। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर माने -जाने शिक्षाविद वृन्दारकनाथ मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि दबे, कुचले , शोषितों एवं वंचित मानव की पीड़ा को कागज़ पर सजीव वर्णन करने वाले मुंशी प्रेमचंद को पाठक न सिर्फ प्राचीन युग में बल्कि वर्तमान में भी सर्वोप्रिय का दर्जा दिलाता है। आम आदमी हमेशा उनके लेखन से जुड़ा रहा है।
इस मौके पर संस्था के अध्यक्ष साहित्यकार संदीप मिश्र सरस ने मुक्तक पढ़ा : " प्रेमचंद के चिंतन का आधार हमारे गीतों में। रंगभूमि के सूरा का अधिकार हमारे गीतों में। दो बैलों की व्यथा कथा का सार हमारे गीतों में है, कभी कफ़न के घीसू का प्रतिकार हमारे गीतों में। कार्यक्रम में साहित्यकार डॉक्टर शैलेश गुप्त वीर , युवा कवि शिवेन्द्र शिव , सुकवि धर्मेन्द्र त्रिपाठी धवल, दीप्ति गुप्ता, आशीष पाण्डेय, मृत्युंजय बाजपेयी, सुनीता यादव, शैलेष वीर आदि उपस्थित रहे।