समर बिसवानी की पुण्य तिथि पर विशेष
बिसवां, सीतापुर (सिराज टाइम्स न्यूज़) बिसवां की धरती ने कई महापुरुषों को जन्म दिया है। आज बिसवां के हजारों महापुरुषों में हज़रत फारूक आज़म 'समर बिसवानी' की पुण्य तिथि है। स्वर्गीय बिसवानी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मौलाना हिदायत अली बिसवानी के पुत्र थे इनका जन्म एक अगस्त 1942 को बिसवां में हुआ इन्होंने लखनऊ विश्विद्यालय से बी.ए एवं एल.एल.बी. की पढ़ाई पूरी करने के बाद बिसवां में अधिवक्ता के रूप में कार्य करने लगें।
समर बिसवानी का घराना अदबी ,समाजी व फन-ए- शायरी में माहिर था इनके दादा आजम बिसवानी बिसवां के पहले शायर थे।मरहूम बिसवानी ने 10 साल की अल्पायु में ही जिगर बिसवानी के शिष्य बने। ये हिंदुस्तान के अधिकतर मुशायरों में शिरकत करते रहते थे इनकी गजलें रेडियो टीवी चैनल पत्र-पत्रिकाओं की शोभा बढ़ाते हैं। इनका मिजाज इंसाफ पसंद और हुकूमते वक्त से हक बातें कहने से नहीं डरते थे। इनका यह शेर इस बात की नक्काशी करता है। मरहूम समर बिसवानी आजादी के बाद सीतापुर जिले के इकलौते अधिवक्ता थे जिन्हें बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश का राज्यपाल द्वारा सदस्य नामित किया गया था। 28 अक्टूबर 2007 को वह दुनिया से चले गए। इनके भतीजे शमीम कौसर सिद्दीकी, पूर्व जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी व पुत्र नैयर सोहेल एवं नैयर शकेब बिसवानी है।