मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव ने क्यों कहा घिनौनी व नापाक साजिश है?
नई दिल्ली (सिराज टाइम्स न्यूज़) मुसलमानों की सुरक्षा हेतु प्रयासरत धार्मिक व सामाजिक संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सरकारों द्वारा मजहबी मदरसों के संबंध में सर्वे को लेकर आज जबरदस्त एतराज जताया है। मिली जानकारी के अनुसार उक्त संगठन के महासचिव व माने जाने धार्मिक विद्वान मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा है कि कुछ राज्य सरकारों द्वारा धार्मिक मदरसों का सर्वेक्षण वास्तव में मदरसों और हमवतनी भाईयों के बीच इन्हें सन्देहास्पद बनाने की एक घिनौनी और नापाक साज़िश है।
उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा कि धार्मिक मदरसों का एक उज्ज्वल इतिहास रहा है, इन मदरसों में पढ़ने और पढ़ाने वालों के लिए चरित्र-निर्माण और नैतिक प्रशिक्षण का आयोजन चौबीसों घंटे किया जाता है, कभी इन मदरसे में पढ़ने और पढ़ाने वालों ने आतंकवाद और साम्प्रदायिक घृणा पर आधारित कोई कार्य नहीं किया; यद्यपि कई बार सरकार ने इस प्रकार के आरोप लगाए; मगर चूंकि ये झूठे आरोप थे इसलिए इसका कोई सुबूत नहीं मिला, सत्ताधारी दल के पुराने और प्रभावशाली नेता लालकृष्ण आडवाणी जब देश के गृहमंत्री थे तो उन्होंने भी यह स्वीकार किया था, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, एपीजे अब्दुल कलाम और मौलाना आज़ाद जैसे देश के कद्दावर नेतृत्व ने मदरसों की सेवाओं को स्वीकार किया है, स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मदरसों से निकले विद्वानों, उलमाओं ने असाधारण बलिदान दिया है और स्वतंत्रता के बाद भी ये संस्थान देश के सबसे गरीब वर्गों को शिक्षा प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभा रहे है, इसलिए बोर्ड सरकार से अपने इस इरादे से दूर रहने का अनुरोध करता है और यदि किसी भी वैध आवश्यकता के तहत सर्वेक्षण किया जाता है तो इसे केवल मदरसों या मुस्लिम संस्थानों तक सीमित न रखा जाए बल्कि देश के सभी धार्मिक और गैर-धार्मिक संस्थानों का एक निश्चित सिद्धांत के तहत सर्वेक्षण किया जाए; बल्कि इसमें सरकारी संस्थानों को भी शामिल किया जाए, कि सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों के बुनियादी ढांचे के संबंध में जो नियम निर्धारित किए हैं सरकारी संस्थान स्वयं इसे किस हद तक पूरा कर रहे हैं, मौलाना रहमानी ने कहा कि केवल धार्मिक मदरसों का सर्वेक्षण मुसलमानों की रुस्वा करने का कुप्रयास है और बिल्कुल अस्वीकार्य है और मिल्लत-ए-इस्लामिया इसे ख़ारिज करती है।
मालूम हो कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मदरसों के सर्वे को लेकर निर्देश दिए थे जब से लगातार मुस्लिम धार्मिक विद्वान एकजुटता दिखाते हुए समय-समय पर मदरसों की सुरक्षा व सर्वे के विरुद्ध आयोजन कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ ही दिन बाद देवबंद में भी उक्त संबंध में एक बड़ा आयोजन होगा।