कुरआन मजीद खैरो बरकत का जरिया है: मुफ़्ती सय्यद मुहम्मद अफ्फान मंसूरपुरी

● मदरसा अरबिया नूरुल उलूम द्वारा आयोजित विशाल दस्तारबंदी कार्यक्रम में नामचीन उलमा-ए दीन का खिताब

● 18 बच्चों की दस्तारबंदी अमल में आई, बधाई व शुभकामनाओं का लगा रहा तांता

● मुल्क की तरक्की के लिए विशेष दुआ की गई

बिसवां, सीतापुर (सिराज टाइम्स न्यूज़) हम सभी को हर रोज कुरआन पाक की तिलावत करनी चाहिए क्योंकि कुरआन मजीद खैरो बरकत का जरिया है। अफसोस की बात है कि हम इस मुकद्दस किताब को अपने-अपने घरों में ताक की जीनत बनाए हुए हैं। 
यह बातें तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम क्योंटी इबादुल्लाह के मशहूर मदरसा अरबिया नूरुल उलूम द्वारा आयोजित विशाल दस्तारबंदी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रख्यात इस्लामिक विद्वान मुफ़्ती सय्यद मुहम्मद अफ्फान मंसूरपुरी, अध्यक्ष दीनी तालीमी बोर्ड उत्तर प्रदेश , जमीयत उलमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व अध्यक्ष मुदर्रिस, उस्ताज़े हदीस मदरसा इस्लामिया अरबिया जामा मस्जिद अमरोहा ने कहीं।


उन्होंने बड़ी तादाद में मौजूद लोगों से कहा कि हमें सर्वप्रथम सुबह कुरआन पाक की ही तिलावत करनी चाहिए। मुफ़्ती सय्यद मुहम्मद अफ्फान मंसूरपुरी ने आगे अपने संबोधन में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हुफ्फाज व औरतें अपने समय के अनुसार कुरआन मजीद को पढ़ने का मामूल बना लें। जिसके सीने में कुरआन का कोई भी हिस्सा महफूज होता है तो अल्लाह पाक उसे आम व्यक्ति से बेहद खास बना देते हैं। जलसा दस्तारबंदी में मौलाना इस्लामुल हक असजद मुहम्मदी, मध्यांचल प्रभारी जमीयत उलमा-ए-हिन्द ने अपने खिताब में कहा कि इस्लाम में निकाह करना बहुत ही आसान है।


 आगे मौलाना ने शादी - ब्याह में गैर जरूरी रस्म व अनावश्यक खर्च पर सवाल खड़े किए? उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि आज हमारे जीवन से सुन्नतों की विदाई होती जा रही है, यह बहुत ही गौर व फिक्र की बात है। आगे मौलाना इस्लामुल हक असजद मुहम्मदी ने समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने व सुन्नत ए नबवी को अपनाने की विशेष अपील की। 
मौलाना नोमान अख्तर ने मदरसों की अहमियत पर रोशनी डालते हुए कहा कि आज उम्मते मुसलमा ने मदरसों की जिम्मेदारी नहीं उठाई तो इसके अस्तित्व, वजूद को बहुत बड़ा खतरा हो सकता है। हमें मदरसों की ओर रुख करने की सबसे अधिक आवश्यकता है। जब तक मदरसों का वजूद है तब तक ही हमारा वजूद स्थापित रहेगा? मुफ़्ती आफताब आलम नदवी खैराबादी, मुबल्लिग दारुल उलूम नदवतुल उलेमा लखनऊ ने कहा कि मां - बाप की सेवा दुनिया की सबसे बड़ी सेवा है वालिदेन की फरमाबरदारी (अच्छा व्यवहार) से ही दुनिया व आखिरत में कामयाबी मिल सकती है। पैगम्बर हज़रत मुहम्मद स०ल०अ०वस० की जिंदगी हमारे लिए नमूना है। हमारे आका ने पूरी जिंदगी मानवता के लिए कार्य किए। 


आज हमें अपने नबी के आदर्शों पर चलने की सबसे अधिक जरूरत है। उक्त कार्यक्रम में मौलाना मुहम्मद रमजान कासमी , जमीयत उलमा-ए-हिन्द के हाथरस जिलाध्यक्ष, मुफ़्ती मुहम्मद आगाह समेत नामचीन उलमा-ए दीन ने अपने बयान से लोगों के जज्बे मे ताजगी डाल दी।
जलसे का आगाज मौलाना कारी अब्दुल्लाह की तिलावते कलाम पाक से हुआ। अध्यक्षता मौलाना जावेद इकबाल नदवी , इमाम ईदगाह बिसवां ने की। संरक्षक के तौर पर हाजी तफज्जुल हुसैन मौजूद रहे। सफल संचालन मुफ्ती मुहम्मद सुहेल अख्तर, प्रबंधक मदरसा अरबिया नूरुल उलूम ने किया। आमिर सईद, आसिम, शफीक, हाफिज मुहम्मद नदीम समय-समय पर नातिया कलाम पेश करते रहे। जमीयत उलमा-ए-हिन्द (एम) की बिसवां इकाई व जिला पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से मेहमाने खुसूसी का फूल मालाओं से तथा शाल ओढ़ाकर स्वागत किया। 


इस दौरान स्वागत भाषण की भी प्रस्तुति हुई।आए हुए अन्य अतिथियों का भी स्वागत बैज अलंकरण व माल्यार्पण के साथ किया गया। इस अवसर पर जमीयत उलमा-ए-हिन्द के जिला महासचिव मौलाना अब्दुल मतीन ने सभी तहसीलों की कारगुजारी बताई।  
मालूम हो कि उलमा-ए-किराम का जमावड़ा कार्यक्रम के अंत तक मौजूद रहा। इस अवसर पर 18 हुफ्फाज की दस्तारबंदी अमल में आई, तालीम हासिल कर चुके इन बच्चों के सिर पर बुजुर्ग उलमा ने अपने हाथों से पगड़ी बांधी, माल्यार्पण के साथ-साथ प्रशस्ति चिह्न व उपहार भी भेंट किए ।
 जलसे को कामयाब बनाने के लिए नगर अध्यक्ष जमीयत उलमा-ए-हिन्द मुफ़्ती अशफाक नदवी, महासचिव व समाजसेवक मौलाना फहीम जामई और कोषाध्यक्ष हाफ़िज़ मुहम्मद शुऐब का मुख्य योगदान रहा। आए हुए मेहमानों के प्रति आभार व्यक्त किया गया। 
कार्यक्रम का समापन मुफ़्ती सय्यद मुहम्मद अफ्फान मंसूरपुरी की दुआ पर हुआ, जिसमें उन्होंने देश की खुशहाली - तरक्की और अमन-चैन कायम रहने के लिए अल्लाह पाक से रो-रोकर विशेष दुआ की।
 इस दौरान मौलाना आसिम इकबाल नदवी, जिला अध्यक्ष जमीयत उलमा-ए-हिन्द (ए॰) मौलाना मुहम्मद जैद आतिश, मुफ्ती रियाज गौहर कासमी, मौलाना जलीस, मौलाना मुहम्मद शुऐब, नदवी, कारी इरशाद, हाजी आमिर बिसवानी, हाफिज साहिल , हाफिज सुफियान, गय्यूर खान अय्यूबी, शफीक खैराबादी सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

--------------- --------------- --------------- ---------

तालीम हासिल कर चुके इन बच्चों की दस्तारबंदी अमल में आई... 

     
1- दानिश वल्द रफीक 2- साहिल वल्द शफीक 3- रैहान वल्द साबिर 4- अमन वल्द नादिर 5- दिलशाद वल्द मुजस्सिम 6- जैद वल्द मुजस्सिम 7- रैहान वल्दअनीस 8- रियाज वल्द सलीम 9-महफूज वल्द हातिम 10- अबूबकर वल्द रियाज 11- अरमान वल्द इमामुद्दीन 12- अरमान वल्द नईम 13- समीर वल्द सलीम 14- सुफयान वल्द रियाज 15- सद्दाम वल्द अ.कादिर 16- जावेद वल्द लईक17- फरमान वल्द हसरत 18- अबसार वल्द शरीफ।






Popular posts from this blog

डा० तवक्कुल हुसैन मेमोरियल खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न

जमील अहमद बेकरी का इंतिकाल हुआ

विशाल जलसा दस्तारबंदी आज