डॉक्टर तवक्कुल हुसैन मेमोरियल स्पोर्ट्स एंड कल्चरल प्रोग्राम का पुरस्कार वितरण समारोह संपन्न
बिसवां, सीतापुर (सिराज टाइम्स न्यूज़) आज फुर्कानिया एजुकेशनल सोसाइटी बिसवां के तत्वावधान में अलजामिअतुल फुर्कानिया के प्रांगण में डॉक्टर तवक्कुल हुसैन मेमोरियल स्पोर्ट्स एंड कल्चरल प्रोग्राम का वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता में विजयी खिलाड़ियों का पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया।
जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर शिक्षक नेता एवं शारीरिक शिक्षा के प्रवक्ता शाह आलम खां राणा ने अपने संबोधन में कहा कि जैसे जीवन में सुख - दुख आने पर व्यक्ति एक समान रहता है। उसी तरह खेल में भी हार जीत होता रहता है। हारे हुए खिलाड़ियों को कभी हतोत्साहित नहीं होना चाहिए।
सबसे बड़ी चुनौती अपने इस मेडल के सम्मान को आगे तक बरकरार रखना है। शिक्षा किताबों तक या कमरों तक सीमित नहीं है, स्पोर्ट्स से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। आज इस संस्थान के छात्र और छात्राओं ने यह साबित कर दिया कि अल्पसंख्यक विद्यालय सीमित संसाधनों में भी भविष्य को संवारने का काम करते हैं। जिसमें हर वर्ग समाज के बच्चे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। विशिष्ट अतिथि के रूप में मुहम्मद इदरीस, प्रधानाचार्य जनता इंटर कॉलेज कल्याणपुर मौजूद बच्चों से मुखातिब होते हुए कहा कि मन में हमेशा आशा होनी चाहिए ना कि निराशा।
कामयाबी के दो रास्ते है मेहनत या दिमाग। आगे श्री नदवी ने स्पोर्ट्स की अहमियत तथा शिक्षा की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। डॉक्टर आसिफ इकबाल ने कहा कि खेलने की कोई उम्र नहीं होती हमारा पूरा परिवार राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेता रहा है और जीत भी हासिल की है। कार्यक्रम में अतिथियों को बैज लगाकर स्वागत किया गया।
उन्होंने आगे कहा कि जिन विद्यार्थियों ने आज जीत का पुरस्कार प्राप्त किया है वह हरगिज यह ना समझे की चुनौतियां खत्म हो गई।
हमारे संरक्षक , समाजसेवक एवं शिक्षाविद स्वर्गीय हाजी तवक्कुल हुसैन आशावादी थे, वह हमेशा शिक्षा के मैदान में बड़ी से बड़ी मुश्किलों का सामना करते हुए आगे बढ़े परंतु कभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी , ना ही अपने साथियों को आशा छोड़ने दी।
मास्टर मंसूर आलम ने आयोजित कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां गंगा जमुनी तहज़ीब की झलकियां देखी जा सकती है। उन्होंने आगे कहा कि खुद को बनाने व संवारने की कोशिश करिए वरना दुनिया आपको स्वीकार नहीं करेगी। मंजिलो पर पहुंचना तो बहुत ही आसान है पर उस पर टिके रहना बहुत ही मुश्किल है।
डॉक्टर शाहिद इकबाल अलीग, प्रबंधक मदरसा फुर्कानिया तथा शिक्षा प्रेमी ने अपने खिताब में कहा कि एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण होता है। बच्चों में सलाहियत पहले से मौजूद होती हैं पर इनके गुणों को पहचानने का काम शिक्षकों का होता है। जमीयत उलमा-ए-हिन्द के जिला अध्यक्ष व मदरसा फुर्कानिया के नाजि़म मौलाना आसिम इकबाल नदवी ने कहा कि जिंदगी को खेल ना बनाओ बल्कि खेल को जिंदगी बनाओ।
कामयाबी के दो रास्ते है मेहनत या दिमाग। आगे श्री नदवी ने स्पोर्ट्स की अहमियत तथा शिक्षा की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। डॉक्टर आसिफ इकबाल ने कहा कि खेलने की कोई उम्र नहीं होती हमारा पूरा परिवार राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेता रहा है और जीत भी हासिल की है। कार्यक्रम में अतिथियों को बैज लगाकर स्वागत किया गया।
छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर मनमोहक छटा बिखेरी। इस दौरान क्रिकेट , कबड्डी , खो-खो, रेस प्रतियोगिता मेंढक, दौड़ प्रतियोगिता, जंपिंग, सुलेख प्रतियोगिता, चम्मच प्रतियोगिता, वाद- विवाद प्रतियोगिता, सुई धागा प्रतियोगिता, कैरम प्रतियोगिता स्पीच प्रतियोगिता में प्रथम , द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाली टीमों को मेडल, स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र एवं उपहार भेंट कर पुरस्कृत किया गया। और उनकी हौसला अफजाई की गई।
मालूम हो कि मुस्लिम फुर्कानिया गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की 140 छात्राओं को और फुर्कानिया बॉयज के 70 छात्रों को इनामात से नवाजा गया। कार्यक्रम का आगाज हाफिज अफ्फान की तिलावते कलाम पाक से हुआ। नाते पाक पेश करने वालों में विद्यार्थी अबूजर, मुहम्मद हनीफ व साकिब के नाम काबिले जिक्र है।
छात्रा जोहरा और शाजिया ने नज्म की प्रस्तुति की। भाषण बुशरा खातून ने दिया। संचालन मौलाना वकास नदवी ने किया। अंत में विद्यालय प्रबंधन द्वारा आए हुए मेहमानों के प्रति आभार व्यक्त किया गया और सम्मानित छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं व बधाई पेश की गई।
इस दौरान दानिश अंसारी प्रधानाचार्य, मास्टर इस्लाम, मुहम्मद खालिद (हाजी मस्तान) शब्बू खां, प्रधानाचार्या यासमीन फातिमा, आमिर खां, सहायक अध्यापक अंग्रेजी, मास्टर साबिर अली सीतापुरी, मौलाना मसीहुल्ला, मौलाना खुर्शीद आलम नदवी,हाजी अब्दुल हमीद, हाफिज शुऐब, मास्टर रफीक, खुर्शीद आलम, मुहम्मद उमर, रिटायर्ड शिक्षक, मुस्तफा खां, रिटायर्ड फौजी, मास्टर जमील, मकसूद अली सहित गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।