जमीयत उलमा जिला सीतापुर के दीनी तालीमी बोर्ड के तहत अहम इजलास संपन्न

मकातिब का क़याम और उनकी सुरक्षा बेहद जरूरी: मुफ्ती अफ्फान मंसूरपुरी


एक आलिमे दीन को जहां खैर का इल्म होना चाहिए वहीं शर का भी इल्म होना चाहिए 

वहाजुद्दीन ग़ौरी 
सीतापुर (सिराज टाइम्स न्यूज़) मकातिब की स्थापना व उनकी सुरक्षा बेहद जरूरी है क्योंकि अपनी आने वाली नस्लों के दीन व ईमान के तहफ्फुज और उसकी फिक्र हमारा अव्वलीन फरीजा है।
यह बात कजियारा स्थित एक गेस्ट हाउस में मुख्य अतिथि के रूप में विश्व विख्यात धार्मिक विद्वान सय्यद मुफ्ती मुहम्मद अफ्फान मंसूरपुरी कासमी, प्रदेश अध्यक्ष दीनी तालीमी बोर्ड- जमीयत उलमा यू०पी० ने आयोजित इजलास में कही। 
आगे उन्होंने कहा कि हमें नूरे इल्म व दीनी शऊर को अपनी जा़त तक महदूद नहीं करना है बल्कि इस रोशनी को आम करना है, दीनी शऊर को फरोग़ देना है‌। एक आलिमे दीन को जहां खैर का इल्म होना चाहिए वहीं शर का भी इल्म होना चाहिए। 
जमीयत उलमा जिला सीतापुर के दीनी तालीमी बोर्ड के तहत इस इजलास से अपने संबोधन में मुफ्ती अफ्फान मंसूरपुरी ने आगे कहा कि उन लोगों का क्या हाल होगा? जो अपने आसपास के रहने वालों से बेखबर है, सही गलत की तमीज़ व कुरआन व सुन्नत का पैगाम उन तक नहीं पहुंचते। 
और उन लोगों में दीन की समझ पैदा करने की कोशिश नहीं करते। ना भलाई का हुक्म करते हैं, और न बुराई से रोकते हैं । आज मुसलमान लोगों के जाल में फंसकर दौलते ईमानी से महरूम हो रहे हैं। लेकिन हम हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
मुख्य अतिथि ने भारी मजमे से कहा कि मदरसा तो कारखाने/फैक्ट्री की हैसियत रखता है, मदरसे से ही निकलने वाले अफराद मकतब को चलाने वाले होंगे, वही निजाम को मज़बूत करने वाले होंगे। बोर्ड के संयोजक मुफ्ती शुऐब क़ासमी ने प्रोजेक्टर के जरिए पूरे मजमे को मकातिब के संबंध में अहम बातें बताई। 


कार्यक्रम की सदारत मौलाना इस्लामुल हक असजद का़समी ने की। सरपरस्ती जिला अध्यक्ष मस्त हफीज रहमानी की रही। संचालन जनरल सेक्रेटरी हाफिज़ इमरान ने किया। जलसे का आगाज़ कारी जैनुल आब्दीन की तिलावत-ए-कुरआन शरीफ से हुआ। नाते पाक का नज़राना कारी साजिद लहरपुरी व अबु उबादा पेश किया। मौलाना अब्दुल मतीन मजाहिरी ने इस्तकबालिया प्रस्तुत किया। दीनी तालीमी बोर्ड जिला सीतापुर की पूरी रिपोर्ट मुफ्ती हिलाल कासमी ने पेश की। 
कार्यक्रम से पूर्व जिम्मेदारों ने झंडा फहराया तथा संगठन का तराना भी पेश किया गया। मौलाना जावेद इकबाल नदवी, मौलाना आसिम इकबाल नदवी, बिसवां तहसील के अध्यक्ष मुफ्ती अशफाक नदवी, जनरल सेक्रेटरी, मौलाना फहीम जामई, कारी सलाहुद्दीन, मौलाना रियाजउद्दीन कासमी, मौलाना सिराज सालेह, मौलाना मुहिब नदवी, कारी अब्दुर्रहमान, मुफ्ती सफवान अतहर नदवी, मीडिया इंचार्ज वहाजुद्दीन ग़ौरी पत्रकार,मास्टर मुहम्मद यासीन इब्ने उमर, अयाज अय्यूबी एडवोकेट, डॉक्टर शाहिद इकबाल के अलावा सैकड़ों कि तादाद में संगठन व तब्लीग़ी जमात के जिम्मेदार मौजूद रहे। अंत में मेहमाने खुसूसी मुफ्ती अफ्फान मंसूरपुरी कासमी ने मुल्क की तरक्की के लिए दुआ फरमाई।

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